चम्बा – भूषण गुरुंग
हिमाचल प्रदेश की धरती आधी रात को भूकंप के झटकों से हिल गई। चंबा जिला सहित कई अन्य क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूंकप रविवार देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर आया। इसका केंद्र चंबा के डलहौजी से 18 किलोमीटर दूर जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 मापी गई।
कई स्थानों पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। अभी तक कहीं से किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। भूकंप के झटके चंबा से सटे कांगड़ा जिला में भी महसूस किए गए हैं। इसके अलावा लाहुल स्पीति के कुछ हिस्सों में भी धरती हिली। इससे पूर्व सिरमौर, शिमला, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा व अन्य क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
हिमाचल प्रदेश भूकंप के लिए अति संवेदनशील है और इसे जाेन चार और पांच में रखा गया है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया लगातार भूकंप के झटके आने से बड़े झटकों की संभावना कम हो जाती है। इससे फायदा ही होता है। इसके कारण किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
क्यों आता है भूकंप
पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। ये प्लेटें 30 से 50 किलाेमीटर नीचे तक हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं। ये प्लेटें बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है।
ऐसे में कई बार ये आपस में टकरा भी जाती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं। भूंकप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय उर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप की कंपन ज्यादा होती है।