प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की समस्याओं के समाधान के साथ कल्याण के प्रति गंभीर: राकेश पठानिया

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समुदाय तथा प्रदेश की विशेष पहचान के लिए भेड़ पालन व्यवसाय को जीवित रखना जरूरी, नूरपुर में भेड़ पालकों के लिए प्रशिक्षण एवम जागरूकता शिविर आयोजित। बाँटी मेडिकल किटें।

नूरपुर 15 फरवरी- देवांश राजपूत

जनजातीय विकास विभाग के सौजन्य से प्रदेश वूल फेडरेशन तथा पशु पालन विभाग द्वारा आज मंगलवार को स्थानीय वन विश्राम गृह में “सरकार भेड़ पालकों के द्वार” कार्यक्रम के तहत भेड़ पालकों के लिये एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

जिसमें वन, युवा सेवाएं एवम खेल मंत्री राकेश पठानिया ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की, जबकि हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर कार्यकम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस शिविर में लगभग 700 घुमन्तू भेड़ पालकों ने भाग लिया।

वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की सच्ची हितैषी है तथा इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के हितों तथा समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ग के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं हैं।

उन्होंने बताया कि इस समुदाय ने अपने पुश्तैनी व्यवसाय से प्रदेश को एक अलग पहचान बनाई है। इस पहचान को बनाए रखने के लिए भेड़ पालन व्यवसाय को लुप्त होने से बचाए रखना अत्यंत जरूरी है।

राकेश पठानिया ने बताया की घुमंतू भेड़ पालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी सुविधा के लिए विश्व बैंक के सहयोग से विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। जिसके तहत उन्हें टेंट, स्लीपिंग बैग मुहैया करवाने के साथ उनके पैदल रास्तों को डिजिटाइल बनाने के लिए मैपिंग सिस्टम लगाया जाएगा, ताकि किसी भी इमरजेंसी के समय में उनके साथ संपर्क किया जा सके।

वन मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की आय को दोगुना करने तथा व्यवसाय को जीवित रखने व इस व्यवसाय के प्रति समुदाय के लोगों की रुचि बढ़ाने के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय में चरागाह सम्बंधी आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई कारगर कदम उठाए हैं।

भेड़ पालकों की चरागाह की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा परमिट जारी करने की अवधि को तीन वर्ष से बढ़ा कर 6 वर्ष किया गया है। उन्होंने बताया कि इस समुदाय की सुविधा के लिए नूरपुर में 5 करोड़ रुपए की लागत से जनजातीय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे पांच माह में पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस वर्ग के लोगों का प्रदेश की उन्नति के साथ देश की सीमाओं पर रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि सदवां में उप तहसील खोलने की मंजूरी के साथ करोड़ों रुपए की विकास परियोजनाओं पर निर्माण कार्य जारी हैं।

इस मौके पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष श्री त्रिलोक कपूर ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की हर समस्या के समाधान के प्रति गंभीर है। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार पिछले कई वर्षों से इस व्यवसाय से जुड़ा रहा है। इसलिए वह व्यक्तिगत रूप से इस समुदाय के लोगों का दर्द समझते हैं।

त्रिलोक कपूर ने बताया कि जब-जब उन्हें वूल फेडरेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने इस वर्ग को पहचान दिलाने के साथ उनके कल्याण के लिए हर मंच पर उनसे जुड़ी समस्याओं को उठाने सहित उन्हें हल करवाने का प्रयास किया है । जिससे इस वर्ग में अपने व्यवसाय के प्रति उत्साह व जोश पैदा हुआ है। उन्होंने भेड़ पालकों की समस्यों को हल करने के लिए वन मंत्री का आभार व्यक्त किया।

त्रिलोक कपूर ने बताया कि नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत लगभग 8 करोड़ रुपए की योजना के तहत आस्ट्रेलियन मरीनो किस्म के 250 भेड़ ओर मेढ़े फार्म में मंगवाए गए है। आने वाले समय में इनकी नस्ल तैयार करके भेड़ पालकों को वितरित की जाएगी।

इस मौके पर वन मंत्री राकेश पठानिया तथा वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर को जनजातीय कर्मचारी संघ सहित समुदाय के अन्य संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया।

शिविर में भेड़ पालकों को इमरजेंसी के दौरान भेड़-बकरियों के लिए दी जाने वाली दवाईयों की किटें व एक-एक सोलर टॉर्च भी वितरित की।

इससे पहले, पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ संजीव धीमान ने शिविर में आए हुए सभी भेड़ पालकों का स्वागत किया व उन्हें विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं बारे जानकारी दी।

इस मौके पर पशु चिकित्सकों द्वारा भेड़ पालकों को भेड़-बकरियों की विभिन्न बीमारियों व उनके उपचार बारे भी जानकारी प्रदान की गई।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर एसडीएम अनिल भारद्वाज, डीएफओ विकल्प यादव, तहसीलदार सुरभि नेगी, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता जेएस राणा, वूल फेडरेशन के निदेशक मंडल के सदस्य सुभाष जरयाल, सरदारी लाल, गद्दी कल्याण बोर्ड के सदस्य रमेश कौशल, पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ संजीव धीमान, भेड़ प्रजजन फार्म ताल (हमीरपुर) के सहायक डॉ मुंशी राम कपूर, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी नूरपुर डॉ राजीव शर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ पलक, भाजपा जनजातीय मोर्चा के जिला अध्यक्ष अमित शर्मा सहित पशुपालन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी व भेड़ पालक उपस्थित रहे।

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