हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति ने धर्मशाला में आयोजित होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश सरकार के घेराव की चेतावनी दी है। पेंशनरों का कहना है कि अगर सीएम बार-बार आर्थिक मजबूरियों का हवाला दे रहे हैं तो प्रदेश में क्यों नहीं आर्थिक इमरजेंसी को घोषित किया जा रहा।
मंडी में आयोजित हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक में पेंशनरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर अपना गुबार निकाला। बैठक में पेंशनरों के अठारह संगठनों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
समिति के चेयरमैन सुरेश ठाकुर ने कहा कि वे कई बार सरकार से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं और अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अब सरकार ने बूढे पेंशनरों का अपना हक पाने के लिए सड़कों पर उतरने के लिएम मजबूर कर दिया है।
सुरेश ठाकुर ने बताया कि 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 तक सेवानिवृत्त हुए सभी पेंशनरों की संशोधित ग्रेच्युटी, कम्यूटेशन और लीव इनकैशमेंट का भुगतान अभी तक लंबित है। इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों से चिकित्सा बिलों का भी कोई भुगतान नहीं किया गया है।
महंगाई राहत का 13 प्रतिशत और 111 माह का एरियर भी लंबित है। सुरेश ठाकुर ने सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में सरकार उनके प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए नहीं बुलाती है, तो धर्मशाला में आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार का घेराव किया जाएगा।

