चंडीगढ़/शिमला, 31 अगस्त – नितिश पठानियां
चंडीगढ़ में एचआरटीसी बसों को वीरवार दोपहर सीज करने की कोशिश की जा रही थी। इसी दौरान निगम के लॉन्ग रूट की बसों में सफर कर रहे यात्रियों ने चंडीगढ़ पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। माहौल गर्माने पर पुलिस ने मौके से निकलना ही मुनासिब समझा।
इसी बीच निगम प्रबंधन ने दावा किया है कि तमाम बसों को परमिट के मुताबिक ही संचालित किया जा रहा है। साथ ही समय सारिणी का भी कड़ाई से पालन हो रहा है। पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन अंदरखाते खबर ये भी है कि चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग की बस चंबा रूट पर विदाउट परमिट चल रही थी।
इस रूट को लेकर ऊना में भी हल्की-फुल्की झड़प हुई। निगम के एक चालक ने चंडीगढ़ पुलिस पर भी धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया है। सीटीयू अब चंडीगढ़ में निगम की बसों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
सवाल ये भी उठाया गया कि अगर निगम की बसें विदाउट परमिट थी तो मौके पर पुलिस ने पूरी कार्रवाई को अंजाम क्यों नहीं दिया। सवाल ये भी उठाया जा रहा है कि क्या सीटीयू की चंडीगढ़-चंबा बस सेवा को लेकर ये घमासान हो रहा है। ऊना में सीटीयू के चालक व परिचालक के साथ मारपीट भी हुई थी।
बताया जा रहा है कि चंबा रूट को लेकर मई महीने से गहमागहमी चली हुई है। सीटीयू के चालकों व परिचालकों को पीटने का आरोप एक निजी बस ऑपरेटर पर लगा था।
बताया जा रहा है कि सीटीयू की चंबा बस को लेकर मामला प्रदेश के उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है, इसकी अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को होनी है।
कुल मिलाकर चंडीगढ़ बस स्टैंड के घटनाक्रम को लेकर बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या सीटीयू चंबा रूट को बहाल करने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम पर इस तरीके का दबाव डाल रहा है।