व्यूरो, रिपोर्ट
शादी का प्रमाणपत्र दिखाकर बीपीएल परिवारों की बेटियां वित्तीय लाभ ले सकेंगी। प्रदेश के स्थायी निवासी लड़के से ही विवाह करने की योजना में अनिवार्यता नहीं है।
माता-पिता को खो चुकीं बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची में शामिल परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए जयराम सरकार 31 हजार रुपये का ‘शगुन’ देगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने सरकार की शगुन योजना की अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें मुख्यमंत्री की बजट घोषणा एक अप्रैल से लागू की गई है। बीते अप्रैल और मई में शादी कर चुकीं बीपीएल परिवारों की बेटियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
लाभ लेने के लिए शादी का प्रमाणपत्र दिखाना होगा। प्रदेश के स्थायी निवासी लड़के से ही विवाह करने की योजना में अनिवार्यता नहीं है। लड़के की उम्र 21 वर्ष और हिमाचली बोनाफाइड लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने छह मार्च को विधानसभा में पेश बजट में 50 करोड़ की नई ‘शगुन’ योजना का एलान किया था। इसमें पहले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को ही शामिल किया था।
विपक्ष के हंगामे के बाद सरकार ने सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को भी योजना में शामिल किया है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार बेटियों को बाल विकास अधिकारी या नारी सेवा सदन या बालिका आश्रम में इसके लिए आवेदन करना होगा। सरकार ने आवेदन फार्म जारी किया है। विवाह से दो माह पहले राशि जारी की जाएगी। अगर कोई विवाह से पहले आवेदन नहीं कर सकेगा तो उन्हें छह माह में वित्तीय लाभ के लिए आवेदन करने की मोहलत दी है।
लड़की के बैंक खाते में जाएगी राशि, तीन माह के भीतर निकालना जरूरी
विभाग के जिला परियोजना अधिकारी को 31 हजार रुपये की राशि जारी करने के लिए अधिकृत किया है। राशि बेटियों के बैंक खाते में दी जाएगा। अगर तीन माह के भीतर इस धनराशि को बैंक खाते से नहीं निकाला गया तो पैसा वापस विभाग को चला जाएगा।