हिमखबर डेस्क
कुल्लू में पिछले दिनों दशहरे मेले के दौरान तहसीलदार के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस संवेदनशील मामले की जांच एक उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है, ताकि जांच निष्पक्ष, पेशेवर और पूरी तरह पारदर्शी ढंग से की जा सके।
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने ये जानकारी दी है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस विभाग घटना को लेकर पूरी तरह गंभीर है और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डीजीपी ने बताया कि मामले में अन्य शामिल व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ भी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे मामलों में त्वरित व निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ (एचपीआरओए) का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पुलिस मुख्यालय शिमला में डीजीपी से मिला और कुल्लू में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। प्रतिनिधिमंडल ने दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित कार्रवाई की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में जुंगा के तहसीलदार एवं संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह वर्मा, अर्की के तहसीलदार एवं महासचिव विपिन वर्मा, ठियोग के तहसीलदार विवेक नेगी, शिमला के जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा और कांगड़ा जिले के थुराल तहसीलदार राजेश जारयाल शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि कुल्लू के तहसीलदार के साथ की गई मारपीट न केवल एक सरकारी अधिकारी का अपमान है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी चोट है।
यह मामला पुलिस थाना सदर, कुल्लू में दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 126(2), 132, 121(1), 351(2), 356(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डीजीपी ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि पुलिस निष्पक्षता के साथ जांच करेगी और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग कानून-व्यवस्था बनाए रखने, सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके विधिसम्मत कार्यों के दौरान पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।