कुल्लू दशहरा: दिनदहाड़े तहसीलदार से कथित मारपीट, कहां थी पुलिस…बेटी ने मांगा न्याय

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हिमखबर डेस्क 

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान तहसीलदार हरि सिंह यादव के साथ हुई कथित मारपीट व बदसलूकी का मामला अब तूल पकड़ चुका है और पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। तहसीलदार का परिवार इस घटना से स्तब्ध है और उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

तहसीलदार हरि सिंह यादव के परिवार ने मीडिया के समक्ष आकर कई संगीन आरोप लगाए हैं और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। उनकी बेटी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि मेले में करीब 1200 पुलिस जवान तैनात थे, लेकिन घटना के समय कोई भी पुलिसकर्मी आगे नहीं आया।

उन्होंने मांग की कि जिन भी लोगों ने उनके पिता को कॉलर से घसीटकर और धक्का-मुक्की की उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। परिजनों के मुताबिक षड्यंत्र के तहत उन्हें तीन साल से निशाना बनाया जा रहा है।

बेटी ने पूछा, “क्या कोई भी अधिकारी इस तरह की घटना होने के बाद निडर होकर ड्यूटी कर सकता है?” उन्होंने इस घटना को समाज के लिए शर्मनाक बताया। परिवार ने यह भी स्पष्ट किया कि तहसीलदार ने चमड़े का जूता नहीं, बल्कि कपड़े का जूता पहना था।

उन्होंने कहा कि यदि गलती हुई भी थी, तो माफी मांगने के बाद मामले को शांत हो जाना चाहिए था। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “जब एक अधिकारी के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम लोगों का क्या होगा?”

बेटी ने कहा कि उनके पिता किसी शौक से नहीं, बल्कि अपनी कर्तव्यनिष्ठा और ड्यूटी निभाने के कारण वहां गए थे और इस घटना ने उनके परिवार को झकझोर कर रख दिया है, जिससे वे मानसिक रूप से काफी परेशान हैं।

देवता शिविर में हुआ था विवाद

मामले से जुड़े आरोपों के अनुसार, यह घटना 2 अक्तूबर को दोपहर करीब 12:30 बजे हुई। जब तहसीलदार छह कर्मचारियों के साथ दशहरा मेला समिति के आदेश पर प्रदर्शनी मैदान में स्थित देवता भृगु ऋषि के अस्थायी शिविर पहुंचे थे।

इसी दौरान कुछ हारियानों ने उन पर जूते पहनकर देवता के शिविर में जाने का आरोप लगाया। तहसीलदार का कहना है कि यह अनजाने में हुआ और उन्होंने देवता से इसके लिए क्षमा भी मांगी थी। माफी मांगने के बावजूद, विरोध करने वालों ने उनकी एक न सुनी और उन्हें कॉलर व बाजुओं से पकड़कर घसीटा।

आरोप है कि बीच सड़क पर उन्हें लात-घूंसों से भी प्रहार किए गए। तहसीलदार ने बताया कि उनके साथ मौजूद कर्मचारियों को भी निशाना बनाया गया। तहसीलदार का आरोप है कि उन्हें देवता और गूर के सामने खड़ा करके जबरन नाक रगड़कर माफी मांगने पर मजबूर किया गया।

हैरान करने वाली बात यह है कि इस दौरान एएसपी और जिला राजस्व अधिकारी समेत बीआरटी के जवान भी मौजूद थे, फिर भी दुर्व्यवहार जारी रहा। बताया जा रहा है कि यह पूरा घटनाक्रम रघुनाथ शिविर से जमलू ऋषि तक लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद है।

पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन के बोल 

उधर, कुल्लू के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसमें एक व्यक्ति को नामजद किया गया है, जबकि कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

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