हिमखबर डेस्क
हिंदू धर्म में पंचक को बहुत अशुभ माना जाता है। पंचांग में पंचक को ऐसा नक्षत्र माना गया है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। ज्योतिष के अनुसार जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से होते हुए रेवती नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में भ्रमण करता है, तब पंचक लगता है।
शाहपुर के ज्योतिषी आचार्य पंडित अमित कुमार शर्मा ने बताया कि 23 अप्रैल बुधवार को आधी रात 12 बजकर 31 मिनट से पंचक शुरू हो रहे हैं, जो कि 27 अप्रैल रविवार दोपहर 3 बजकर 39 मिनट पर खत्म होंगे। ज्योतिषी आचार्य पंडित अमित कुमार शर्मा ने बताया कि पांच दिन की इस अवधि में किया गया कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य सफल नहीं होता और इस दौरान बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
पंचक में मृत्यु हो जाए तो क्या करना चाहिए?
पंचक में कोई भी मुश्किल और जोखिम भरा काम नहीं करना चाहिए। पंचक में मृत्यु होना बहुत अशुभ माना गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अगर पंचक में किसी व्यक्ति मृत्यु हो जाए, तो उसके कुटुंब में 5 और लोगों की मौत होने का खतरा बना रहता है।
हालांकि इससे बचने के लिए उपाय भी बताया गया है। पंचक में शव के अंतिम संस्कार करते समय कुश या आटे के 5 पुतले बनाए जाते हैं और फिर उनको शव के पास रखकर अंतिम संस्कार किया जाता है तथा ऐसा करने से पंचक दोष दूर हो जाता है।
पंचक में न करें ये काम
पंचक के दौरान लकड़ी को इकट्ठा करना या खरीदना, मकान की छत डलवाना, दाह संस्कार करवाना, बेड, चारपाई या पलंग आदि बनवाना और दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना गया है। ऐसे में पंचक के दौरान यह पांच काम भूलकर भी नहीं करने चाहिएं, वरना आपको अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
पंचक में क्या करना शुभ-अशुभ होता है?
पंचक की शुरुआत 23 अप्रैल, दिन बुधवार से हो रही है और 27अप्रैल, दिन रविवार तक ये पंचक चलेगा। इन 5 दिनों में कोर्ट-कचहरी या कानूनी मामलों में शुभ परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन इस दौरान जमीन की खुदाई करना, आग से जुड़े कार्य करना, निर्माण कार्य करना और औजार या मशीनरी के काम करना अशुभ माना जाता है।