आंगनवाड़ी यूनियन आउटसोर्स आधार पर नर्सरी टीचर लगाने का करेगी विरोध -विना शर्मा, नई ज़िला कमेटी में हमिन्द्री को मुख्य सलाहकार,बिमला को प्रधान, सुदर्शना को सचिव तथा अंजुला को कोषाध्यक्ष की मिली जिम्मेवारी
मंडी – अजय सूर्या
सीटू से सबंधित आंगनवाडी वर्करज एंड हेल्पर्ज यूनियन मंडी ज़िला का सम्मेलन आज कामरेड तारा चन्द भवन मंडी में आयोजित किया गया।जिसकी अध्यक्षता हमिन्द्री शर्मा, बिमला शर्मा, गोदावरी वालिया, क्षमा वर्मा ने की।
सम्मेलन का उद्घाटनयूनियन की राज्य महासचिव विना शर्मा ने किया।सीटू ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह और महासचिव राजेश शर्मा भी सम्मेलन में शामिल हुए।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्य महासचिव विना शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्धारा गत सप्ताह पेश किए गए बजट प्रस्ताव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं कि है और बॉल विकास परियोजना के बजट में कटौती कर दी है और इस परियोजना को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है जिसका यूनियन विरोध कर रही है।
उन्होंने कहा कि यूनियन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्धारा आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेच्यूटी व अन्य सुविधाएं देने का फ़ैसला दो साल पहले दिया है लेकिन हिमाचल सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। यूनियन इसे जल्दी लागू करने की मांग उठाई है।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नर्सरी टीचर लगाने के नाम पर ठगा और अब कांग्रेस सरकार ने तो दो साल एनटीटी के डिप्लोमा किये हुए वर्करों को ही रखा जाएगा और ये सब भर्तीयां कम्पनियों के माध्य्म से आउटसोर्सिंग आधार पर करने जा रहे हैं जिसका यूनियन विरोध करती है और आने वाले समय मे इसके ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पिछले चार साल से मानदेय जारी नहीं किया है।यूनियन की मांग है कि मिनी केंद्रों को पूर्ण केंद्र का दर्जा दिया जाये और मानदेय भी बराबर दिया जाये।यूनियन 35 वर्ष से ऊपर वाली और पांच साल नॉकरी करने वाली सभी हैल्परों को वर्कर बनाया जाए।
यूनियन सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को रेगुलर करने, हरियाणा की तर्ज़ पर पेंशन और आर्थिक लाभ देने, सेवानिवृति पर 3000 रु पेंशन पंजाब की तर्ज पर सभी प्रकार की छुटियाँ व मेडिकल लीव देने मध्यप्रदेश की तर्ज़ पर हर साल एक हज़ार और पांच सौ रुपये बढ़ोतरी करने तथा मासिक वेतन हर माह दिया जाये।
उन्होंने कहा कि कुछ सरकार के पिछलग्गू लोग यूनियनों के नाम पर कार्यकर्ताओं को गुमराह करते हैं और उनकी एकता को तोड़ने का काम करते हैं जिनसे सतर्क रहने की ज़रूरत है और सीटू से सबंधित यूनियन ही देश भर में आंदोलन करती है और आज तक जो भी वर्करों को मिला है वो सब यूनियनों के लंबे संघर्ष का परिणाम है।
अब केंद्र सरकार ने यूनियन बनाने के अधिकार को भी ख़त्म करने का फ़ैसला किया है जिसका देश भर में विरोध हो रहा है और उसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी आंदोलन तेज़ किया जायेगा।
इन सब मांगों के बारे में यूनियन 5 अगस्त को शिमला में निदेशक को मांगपत्र सौंपा जाएगा।राजेश शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
आज 35 सदस्यीय ज़िला कमेटी चुनी गई जिसमें से 7 स्थान ख़ाली रखे गए। 11 सदस्यों का सचिवालय चुना गया। जिसमें हमिन्द्री शर्मा को मुख्य सलाहकार बिमला शर्मा-सुंदरनगर को प्रधान गोदावरी वालिया-गोहर को वरिष्ठ उपप्रधान, तम्मना-चौन्तड़ा, नागो देवी-दरंग को उप प्रधान तथा सदर की सुदर्शना को सचिव गोपालपुर की क्षमा वर्मा, चौतड़ा की अर्चना, दरंग की सुनीता देवी और गोहर की सरोजलता को सह सचिव तथा सुंदरनगर की अंजुला को कोषाध्यक्ष चुना गया।
इसके अलावा सदर से कंचन, सरला और पम्मी सुन्दर नगर से कांता,आशा, और लता गोहर से आशा, शंकुतला, और देवेन्द्रा दरंग से कमलेश, रीना और सुनीता गोपालपुर से सोनिका और दीपा रिवालसर से यशोधा और कौरा देवी को कमेटी सदस्य चुना गया। धर्मपुर, सराज और करसोग प्रोजेक्टों से दो दो और द्रंग से एक सदस्य बाद में कमेटी सदस्य चुना गया।