नूरपुर – स्वर्ण राणा
भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसंबर को गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। इस उपलक्ष पर आज दिनांक 21-12-2024 को राजकीय आर्य महाविद्यालय, नूरपुर में गणित के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान को लेकर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का उद्देश्य छात्रों के बीच गणित के महत्व को बढ़ावा देना और गणितीय सोच को प्रोत्साहित करना था।
समारोह की शुरुआत महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर संजय कुमार जसरोटिया ने की, जिन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “गणित न केवल एक शैक्षिक विषय है, बल्कि यह हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
श्रीनिवास रामानुजन जैसे महान गणितज्ञों के योगदान ने दुनिया को नई दिशा दी है। इस दिन को मनाना हमारे लिए गर्व की बात है और यह गणित के प्रति युवाओं को प्रेरित करने का एक अवसर है।”
सेमिनार में बी.एससी. तृतीय वर्ष की विद्यार्थी मनदीप कौर और कनिका राणा ने गणितीय सिद्धांत, रामानुजन के योगदान, और गणित के आधुनिक अनुप्रयोगों पर विस्तृत चर्चा की ।
इसके उपरान्त प्रो. शिव कुमार ने विद्यार्थियों को गणित के समकालीन उपयोगों जैसे डेटा विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और वित्तीय गणित के बारे में जानकारी दी। महाविद्यालय में आयोजित इस सेमिनार में गणित के विद्यार्थियों और शिक्षकों की बड़ी संख्या ने भाग लिया।
इसके अलावा, छात्रों के लिए गणितीय प्रश्नोत्तरी, कला प्रतियोगिता और गणितीय प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने गणित के विषयों से संबंधित मॉडल और पोस्टर प्रदर्शित किए।
सेमिनार के अंत में डॉ. सोहन कुमार ने कहा, “इस विशेष अवसर पर, गणित के क्षेत्र में श्रीनिवास रामानुजन के योगदान को याद करना और इस पर चर्चा करना हमारे लिए गर्व की बात है।
मैं विशेष रूप से हमारे संस्थान के सभी शिक्षकों, छात्रों और गणितज्ञों का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने इस सेमिनार को सफल बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया।
हम आशा करते हैं कि इस प्रकार के आयोजनों से गणित के प्रति विद्यार्थियों की रुचि और जागरूकता में वृद्धि होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से रामानुजन के योगदान को नई पीढ़ी के सामने लाना और गणित के समकालीन उपयोगों को समझाना बहुत महत्वपूर्ण है।
“हमारी यह कोशिश रहेगी कि भविष्य में भी इसी तरह के शैक्षिक आयोजन होते रहें, ताकि गणित का अध्ययन और भी बढ़ सके।”