सिरमौर – नरेश कुमार राधे
नाहन से संबंध रखने वाले हिंदी और भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता राकेश पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे। 21 मार्च की सुबह 77 वर्ष की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। शनिवार को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बेटी ने साझा किया दुखद अनुभव
राकेश पांडे की बेटी जसमीत ने पिता के अंतिम क्षणों को याद करते हुए बताया कि उनके पापा को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और उन्हें असहज महसूस करने लगे। इसके बाद परिवार ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। हालांकि डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। जसमीत ने कहा, “यह हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है।”
अभिनय का शानदार सफर
राकेश पांडे का जन्म हरियाणा के अंबाला में हुआ था। 1961 में नाहन के शमशेर हाई स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। इसके पश्चात भारतेंदु अकादमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स से अभिनय की शिक्षा प्राप्त की। 1966 में उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) छोड़ दिया और IPTA इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (IPTA) में शामिल हो गए।
स्व. राकेश पांडे के फिल्मी करियर की शुरुआत 1969 में बासु चटर्जी निर्देशित फिल्म ‘सारा आकाश’ से हुई। यह फिल्म राजेंद्र यादव के उपन्यास पर आधारित थी और इस फिल्म में उनके शानदार अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अपने फिल्मी सफर में उन्होंने कई हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में काम किया। उनकी लोकप्रिय हिंदी फिल्मों में ‘मेरा रक्षक’, ‘यही है जिंदगी’, ‘वो मैं नहीं’, ‘दो राहा’ और ‘ईश्वर’ शामिल हैं। वहीं भोजपुरी सिनेमा में उनकी प्रमुख फिल्में ‘बलम परदेसिया’ और ‘भैया दूज’ रहीं। राकेश पांडे ने हिंदी सिनेमा के बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे ‘देवदास’, ‘दिल चाहता है’, ‘लक्ष्य’ और ‘ब्लैक’ में भी उल्लेखनीय भूमिकाएं निभाईं।
टेलीविजन में भी बनाई खास पहचान
फिल्मों के अलावा राकेश पांडे ने टेलीविजन इंडस्ट्री में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने लोकप्रिय शोज जैसे ‘छोटी बहू’, ‘दहलीज’ और ‘भारत एक खोज’ में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। हाल के वर्षों में वे फिल्म ‘हुड़दंग’ में नजर आए थे। राकेश पांडे अपनी गहरी और प्रभावशाली अभिनय शैली के लिए जाने जाते थे, जो पर्दे पर उनके किरदार को जीवंत बना देती थी।
स्व. राकेश पांडे अपने पीछे पत्नी, बेटी जसमीत और एक पोती को छोड़कर गए हैं। अभिनेता का अंतिम संस्कार शास्त्री नगर श्मशान घाट में किया गया, जहां परिवार के सदस्य और करीबी लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
राकेश पांडे के निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री ने एक प्रतिभाशाली और अनुभवी अभिनेता को खो दिया है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी बेहतरीन अदाकारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।